शुद्ध और प्रवाहमयी भाषा का करें विकास, यह कौशल दिलाएगा सफलता

बड़वानी
भाषा वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम स्वयं को अभिव्यक्त करते हैं. यह अभिव्यक्ति लिखित और मौखिक दोनों तरह की हो सकती है। हमारे द्वारा प्रयुक्त भाषा शुद्ध और प्रभावी होना चाहिए. हमारी भाषाई प्रस्तुति में एक आकर्षक प्रवाह बनना चाहिए. इसके लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है. उच्च कोटि के साहित्य का नियमित स्वाध्याय हमारी भाषा को परिष्कृत करने में बहुत सहयोगी सिद्ध होता है. युवाओं द्वारा वर्तनीगत अशुद्धियाँ बहुत अधिक की जाती है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

वाल्मीकि, अतिशयोक्ति, उज्ज्वल, संन्यास, अभयारण्य, सशक्तीकरण, पुनर्स्थापना, आशीर्वाद, दवाइयां जैसे अनेक शब्दों को प्रायः गलत लिखा जाता है। आप सभी इस पर ध्यान दीजिये. हर शब्द को प्रयत्नपूर्वक सीखिए और फिर लिखिए. भाषाई कौशल आपकी सफलता की आधारशिला बनेगा. एक शिक्षक, प्रोफ़ेसर, अधिवक्ता, पत्रकार, सम्पादक, लेखक, राजनीतिज्ञ, वक्ता आदि के रूप में सफलता में भाषा की बहुत बड़ी भूमिका होती है. लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सफलता में भाषा का योगदान होता है. ये बातें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित परिचर्चा में करियर काउंसलर डॉ. मधुसूदन चौबे ने कहीं. उन्होंने ऐसे अनके शब्दों का उदाहरण दिया, जो प्रायः अशुद्ध लिखे जाते हैं. डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में आयोजन हुआ.संचालन वर्षा मुजाल्दे ने किया. विकास सेनानी एवं कन्हैया फूलमाली ने सहयोग दिया.

  • Related Posts

    मध्य प्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर बरकरार, रतलाम में सर्वाधिक 44.2 डिग्री तापमान

     भोपाल गर्म हवा चलने का सिलसिला बने रहने से प्रदेश में गर्मी के तीखे तेवर बरकरार हैं। इसी क्रम में बुधवार को सभी शहरों में अधिकतम तापमान 40 से 44.2…

    ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मिलेगा मात्र 5 रुपये में नवीन विद्युत कनेक्शन

    भोपाल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्‍ताओं को अब मात्र 5 रुपये में नवीन घरेलू कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराना शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *