उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले की सेवरही नगर पंचायत में पिछले छह चुनावों में पांच बार निर्दलीयों का कब्जा रहा है जबकि एक बार यह सीट सपा को मिली है।
नगर पंचायत में वर्ष 1988 से निकाय चुनाव हो रहे हैं। इस बार का समीकरण बदला हुआ है और चुनाव परिणाम के बाद ही यह तय होगा कि मतदाता किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधते हैं।
सेवरही नगर पंचायत का गठन 24 जुलाई 1971 को हुआ थाए लेकिन 17 साल तक एसडीएम की देखरेख में कार्य चलता रहा। पहला चुनाव वर्ष 1988 में हुआ, जिसमें निर्दल प्रत्याशी के रूप में फेकू प्रसाद केशरी अध्यक्ष चुने गए थे। यह सिलसिला 2000 तक जारी रहा। 1995 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में शैल देवी और 2000 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में त्रिभुवन जायसवाल विजयी रहे।
वर्ष 2007 में यह सीट सपा की झोली में चई गई और त्रिभुवन जायसवाल ने अपनी दूसरी जीत सपा प्रत्याशी के रूप में हासिल की। उसके बाद वर्ष 2012 और 2017 के चुनाव में इस सीट पर निर्दल प्रत्याशी के रूप में श्यामसुंदर विश्वकर्मा लगातार दो बार जीते थे।
सेवरही अध्यक्ष पद की सीट अब तक पांच बार निर्दलीयों तो एक बार सपा के कब्जे में रही है। इस बार अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से सोनिया जायसवाल, निर्दल से संध्या विश्वकर्मा, सपा से सोनम देवी, बसपा से अमीना खातून, निर्दल से सुभावती देवी, शहजादी खातून, विनीता देवी, मधु देवी,नूरतारा खातून को मिलाकर कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
हर कोई जीत के दावे के साथ प्रचार प्रसार में लगा है। लोगों का कहना है कि इस बार के चुनाव का समीकरण बदला हुआ है और समर्थकों को छोड़कर आम मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं।
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