नई दिल्ली/पुणे.
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए गए विदाई समारोह में शिरकत की। इस दौरान सीजेआई ने अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा सुनाया और बताया कि किस तरह से उनके पिता और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ ने उन्हें पुणे का एक फ्लैट रिटायरमेंट तक बेचने से मना किया था और इसकी वजह क्या थी।
मुख्य न्यायाधीश ने विदाई समारोह के दौरान अपने संबोधन में उनके और उनके पिता के बीच हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि ‘उन्होंने (पिता वाईवी चंद्रचूड़) पुणे में एक छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा कि आपने पुणे में फ्लैट क्यों लिया? जबकि आप इसमें रहेंगे भी नहीं। इस पर उन्होंने मुझे कहा कि मुझे पता है कि मैं उसमें नहीं रह पाऊंगा और मुझे ये भी नहीं पता कि मैं कब तक तुम लोगों के साथ रहूंगा, लेकिन इस फ्लैट को तब तक अपने पास रखना, जब तक तुम बतौर जज सेवानिवृत्त न हो जाओ।’ सीजेआई ने कहा कि इस पर मैंने अपने पिता से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि ‘अगर तुम्हें कभी लगे कि तुम्हारी नैतिक और बौद्धिक ईमानदारी से समझौता हो रहा है। तो मैं चाहता हूं कि तुम्हें ये पता रहे कि तुम्हारे सिर पर एक छत है। कभी भी बतौर वकील या न्यायाधीश इसलिए समझौता मत करना कि तुम्हे लगे कि तुम्हारे पास रहने के लिए अपनी कोई जगह नहीं है।’