उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुंविवि) में वर्ष 2023 में एनटीए द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का सोमवार को सम्मान किया गया।
इस अवसर पर यहां विश्वविद्याल के हिंदी विभाग में सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में हिंदी विभाग के सुदरम चतुर्वेदी, मंजरी श्रीवास्तव और आयुषी गौतम ने अपने पहले प्रयास में ही नेट परीक्षा उत्तीर्ण की।
हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में बैठते हैं जिनमें से केवल 5 प्रतिशत ही इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि बुन्देलखंड विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में अपना स्थान बनाता रहा है।
विद्यार्थिओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए विद्यार्थी अपने भविष्य को उज्जवल कर सकते हैं।
प्रो. तिवारी ने बताया कि हिंदी विभाग में कार्यरत शिक्षक नेट और पीएचडी उपाधि धारक हैं। वर्तमान एवं पूर्व विद्यार्थी शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपनी पढाई कर सकते हैं और विभाग के साथ ही साथ विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर सकते हैं.
प्रो. तिवारी ने बताया कि बुन्देलखंड विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग नेट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए रेमिडियल कक्षाओं का संचालन कर रहा है। विद्यार्थी इन कक्षाओं में आकर अपनी तैयारी को पुख्ता कर सकते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव नारायण प्रसाद ने कहा कि हिंदी बहुत तेजी से बढती हुई भाषा है। आज हर क्षेत्र में हिंदी की मांग बढती जा रही है। विद्यार्थी इस विषय की पढाई को सही तरीके से कर के अपने भविष्य को उज्ज्वल कर सकते हैं। उन्होंने उत्तीर्ण विद्यार्थियो के साथ ही अन्य विद्यार्थियों से कहा कि यह पहला चरण है। अपनी तैयारी को जारी रखें और निरंतर आगे बढ़ते रहे। जिन विद्यार्थियों ने अपने इस प्रयास में सफलता नहीं प्राप्त की है वह आगे अपनी तैयारी को और पुख्ता करें जिससे सफलता प्राप्त हो सके।
विद्यार्थियों के सम्मान समारोह की अध्यक्षता अधिष्ठाता अभियांत्रिकी प्रो. एम.एम. सिंह ने किया व विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी प्रो. डी.के.भट्ट उपस्थित रहे. इस अवसर पर विभाग के शिक्षक प्रो. पुनीत बिसारिया, डॉ. अचला पाण्डेय, डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, नवीन चन्द पटेल, डॉ. प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ. सुनीता वर्मा एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
धनंजय सिंह को सात साल की सजा
जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जौनपुर की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 14 साल पुराने अपहरण के एक मामले में सात साल की सजा सुनायी…