उत्तर प्रदेश में प्रयागराज की एक अदालत ने बुधवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अली की हत्या के तीनो आरोपियों को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) दिनेश चंद्र गौतम की विशेष अदालत ने अतीक और अशरफ के तीनो शूटरों को चार दिन का पुलिस रिमांड का आदेश दिया है। रिमांड की अवधि 23 अप्रैल शाम पांच बजे तक होगी।
रिमांड मिलने के बाद पुलिस लवलेश तिवारी,अरूण मौर्य और मोहित उर्फ सनी मौर्य को गहन पूछताछ के लिए रिजर्व पुलिस लाइन ले गयी। पुलिस ने सात दिन की रिमांड की अर्जी दी थी लेकिन विशेष मजिस्ट्रेट ने उनकी मांग को अस्वीकार करते हुए चार दिन की रिमांड का आदेश दिया। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस तीनों हत्यारोपियों का चेहरा ढ़क कर दौड़ाते हुए अदालत में पेश करने के लिए ले गयी।
अतीक और अशरफ के मामला विशेष जांच दल (एसआईटी) के हाथ में हैं। तीनों आरोपियों को न्यायाधीश दिनेश चंद्र गौतम की अदालत में करीब 10.45 बजे पेश किया गया था। तीनों शूटरों को पुलिस रिमांड मिलने के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद कुछ वकीलों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। तीनों आरोपियों पर हमले की आशंका के मद्देनजर अदालत परिसर में बड़ी तादाद में पुलिस के जवानो के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स,पीएसी और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया था। इस दौरान मीडिया कर्मियों का प्रवेश अदालत परिसर में निषेध कर दिया गया था।
गौरतलब है कि तीनों आरोपियों को नैनी जेल से 17 अप्रैल को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया था। नैनी जेल में अतीक का एक बेटा अली भी नैनी जेल में बंद है। गैंगवार की आशंका के कारण तीनो को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया था। गुपचुप तरीके से बुधवार को पुलिस तीनो आरोपियों को प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट में पेश करने के लिए करीब 7.30 बजे प्रतापगढ़ से हुई थी। तीनों की मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश किया गया।
ज्ञातव्य है कि प्रयागराज काल्विन अस्पताल के बाहर 15 अप्रैल की रात करीब 10.30 बजे पुलिस अभिरक्षा के बीच अतीक और अशरफ की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के बाद तीन आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था। अतीक और अशरफ को राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में पुलिस रिमांड पर लिया गया था।