भोपाल
मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन में भोपाल मंडल (पश्चिम मध्य रेलवे) के विद्युत सामान्य विभाग द्वारा रेलवे विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ऊर्जा संरक्षण और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस अवसर पर रेलवे परिसरों में ऊर्जा दक्ष तकनीकों को अपनाते हुए बिजली की बचत सुनिश्चित की जा रही है।
ऊर्जा संरक्षण हेतु उठाए गए कदम एवं बचत
1. एलईडी लाइट्स से ऊर्जा की बचत: रेलवे परिसरों में CFL लाइट्स की जगह LED लाइट्स लगाने से 20.5 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है, जिससे रेलवे को सालाना ₹1.90 करोड़ की आर्थिक बचत हो रही है।
2. BLDC पंखों का उपयोग: पुराने 60 वॉट के पारंपरिक पंखों को ऊर्जा दक्ष BLDC पंखों से बदल दिया गया है। इससे सालाना 8.64 लाख यूनिट बिजली बचाई जा रही है, जिससे रेलवे को ₹78.7 लाख की वार्षिक बचत हो रही है।
3. सौर ऊर्जा का उपयोग: भोपाल मंडल में 1.17 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं, जिनसे प्रति वर्ष 14 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इस पहल से रेलवे को ₹45 लाख प्रति वर्ष की बचत हो रही है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि रेलवे विद्युतीकरण के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे द्वारा अपनाई गई ये नवाचार तकनीकें न केवल बिजली की खपत को कम करेंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगी।
रेलवे विद्युतीकरण का यह 100 वर्षों का सफर भारत की प्रगति का प्रतीक है और आगे भी रेलवे पर्यावरण अनुकूल नीतियों को अपनाते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देता रहेगा।