उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शुक्रवार को भारतीय विदेश सेवा (2007 बैच) के चार अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की।
विकास की दौड़ में पिछड़े आठ आकांक्षात्मक जिलों के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का अवलोकन करने सम्बन्धी एक सप्ताह के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उपरांत लखनऊ आए इन वरिष्ठ राजनयिकों ने अपने भ्रमण के अनुभवों को मुख्यमंत्री से साझा किया और प्रदेश के विकास के लिए अपने सुझाव भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत स्थिति में विदेश सेवा के अधिकारियों का अहम योगदान है। विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए ‘5टी’ का मंत्र यानी ‘टैलेंट, ट्रेडिशन ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म को उत्तर प्रदेश आत्मसात कर लगातार आगे बढ़ रहा है।
आध्यत्मिक पर्यटन विकास के प्रयासों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, ब्रज सर्किट, विंध्य-वाराणसी सर्किट जैसे क्षेत्र विशेष पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं/पर्यटकों की आवश्यकताओं/अपेक्षाओं के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बड़ी संख्या में प्रदेश के नागरिक दक्षिण-पूर्व एशिया, खाड़ी देशों में प्रवास करते हैं। इनमें बड़ी संख्या अकुशल श्रमिकों की है।
अकुशल होने के कारण आमतौर पर उनका पारिश्रमिक भी कम होता है। ऐसे में सरकार इनके कौशल उन्नयन के लिए प्रयासरत है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके कौशल संवर्धन के काम किया जा सकता है।
उन्होने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जिलों (बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती) में विकास के सभी मानकों पर नियोजित कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा सतत रियल टाइम मॉनीटरिंग डैशबोर्ड (चैंपियन ऑफ चेंज) के अनुसार जारी रैंकिंग में इन जिलों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जिलों की नवीनतम सूची में हमारे छह जिले शीर्ष 10 में शामिल हैं, जबकि शीर्ष 20 में यूपी के सभी 08 जिले शामिल हैं।