मध्यप्रदेश में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले आज विधानसभा में पेश किए गए वित्त वर्ष 2023-24 के वार्षिक बजट में तीन लाख 14 हजार करोड़ रुपए से अधिक की विनियोग राशि का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की राशि से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। बजट में कोई नए कर का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन रसोईगैस और पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्य सरकार की ओर से लगने वाले कर में किसी प्रकार का बदलाव प्रस्तावित नहीं है। इसका आशय यह हुआ कि रसोईगैस और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर राज्य सरकार की ओर से फिलहाल कोई राहत नहीं मिलेगी।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने लगभग डेढ़ घंटे के अपने बजट भाषण में बताया कि वर्ष 2023 24 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान दो लाख 25 हजार 710 करोड़ रुपए है। इनमें से राज्य करों से 86 हजार 500 करोड़ और केंद्रीय करों से 80 हजार 184 करोड़ रुपए मिलना अनुमानित है। कर भिन्न राजस्व प्राप्तियां 14 हजार 913 करोड़ और केंद्र सरकार से सहायक अनुदान के तहत प्राप्तियां 44 हजार 113 करोड़ मिलने का अनुमान है। इस तरह 2023 24 के लिए राज्य के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर राजस्व में वर्ष 2022 23 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत अधिक मिलने का अनुमान है।
श्री देवड़ा ने कहा कि कुल विनियोग राशि तीन लाख 14 हजार करोड़ से अधिक प्रस्तावित है। राजस्व व्यय के तहत दो लाख 25 हजार करोड़ 297 करोड़ और पूंजीगत व्यय के तहत 56 हजार 256 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। मंत्री ने बताया कि सामाजिक, आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिए वर्ष 2023 24 के लिए समग्र रूप से बजट अनुमान एक लाख 60 हजार 519 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें से भी महिलाओं और बालिकाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए एक लाख दो हजार करोड़ रुपयों का प्रावधान प्रस्तावित है।
वित्त मंत्री ने वर्ष 2022 23 के पुनरीक्षित अनुमानों का जिक्र करते हुए कहा कि कुल राजस्व प्राप्तियां दो लाख तीन हजार 967 करोड़ रुपए तथा राजस्व व्यय दो लाख दो हजार 468 करोड़ रुपए है। राजस्व आधिक्य का पुनरीक्षित अनुमान एक हजार 499 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो राज्य सकर घरेलू उत्पाद का 0़ 12 प्रतिशत है। केंद्रीय करों से हिस्से के रूप में बजट अनुमान की तुलना में राज्य को 10 हजार 436 करोड़ रुपए अधिक प्राप्त होने का भी अनुमान है।
श्री देवड़ा ने बताया कि 2023 24 में कुल प्राप्तियां दो लाख 81 हजार 660 करोड़ रुपए तथा कुल व्यय दो लाख 81 हजार 554 करोड़ रुपए होने से वर्ष का शुद्ध लेनदेन 106 करोड़ रुपए है और अंतिम शेष 822 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।
उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2022 23 के दौरान बजट में दो लाख 79 हजार करोड़ रुपए से अधिक विनियोग राशि का प्रावधान किया गया था और इस बार में इसमें लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि कर तीन लाख 14 हजार करोड़ रुपयों से अधिक कर दिया गया।
बजट भाषण के बाद वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने विधानसभा परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की विधिवत अनुमति के बाद ही निर्धारित मापदंडों के अनुरूप समय समय पर ऋण लिया है। एक सवाल के जवाब में पत्रकार वार्ता में मौजूद महिला अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार पर तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपयों से अधिक का ऋण है, जो वर्ष 2023 24 की समाप्ति पर तीन लाख 85 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
राज्य सरकार द्वारा लगातार ऋण लेने पर विपक्ष की आलोचनाओं के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ऋण लेकर विकास योजनाओं पर खर्च कर रही है। ढांचागत सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जबकि पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार के समय (लगभग 20 साल पहले) कर्ज लेकर सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की तनख्वाह बांटी जाती थीं। उस समय अक्सर ‘ओवरड्राफ्ट’ की स्थिति बनी रहती थी। और अब ये लोग (कांग्रेसी) इस पर सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने बजट को प्रदेश और राज्य के सभी लोगों के हित में होने का दावा करते हुए कहा कि बजट बनाने के पहले लगभग 4000 लोगों के सुझाव भी आए। बजट में इन्हें आवश्यकतानुसार शामिल किया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में पेट्रोलियम पदार्थों और रसोईगैस सिलेंडर पर राज्य का कर घटाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।